BHOPAL.मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गजों ने प्रचार में अपनी भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने जिन सीटों पर रैली कीं उन सीटों पर अपना कितना प्रभाव मतदाताओं पर छोड़ पाए, ये कल आए परिणाम से साबित हो गया है। आइए देखते हैं मध्यप्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस के चार प्रमुख नेताओं की रैलियों का क्या असर रहा। कितनी सीटों पर जीते और कितनी सीटों पर हारे।...
कांग्रेस को जोर का झटका धीरे से लगा
कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका तीन क्षेत्रों में लगा। महाकौशल, मालवा निमाड़ और ग्वालियर चंबल संभाग में 42 सीटें गंवा दीं। इसके अलावा बीजेपी ने बुंदेलखंड में 8 नई सीटें जीतीं। मध्य भारत में भी चार नए विधानसभा क्षेत्रों पर कब्जा किया। बुंदेलखंड की 56 सीटों में से 46 पर कब्जा किया। महाकौशल की 43 सीटों में से 26 भी उसके खाते में आई। मालवा निमाड़ की 65 सीटों में से 47 पर जीत हासिल की। इस इलाके में बीजेपी ने 2018 के मुकाबले 19 नई सीटों पर कब्जा किया। ग्वालियर चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मेहनत रंग लाई। बीजेपी 11 नए विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की। इस इलाके में पार्टी ने कुल 18 सीटें जीतीं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके से 26 सीटें मिली थीं। मध्य भारत में भी बीजेपी ने अपने किले को मजबूत किया और कांग्रेस को सेंध नहीं लगाने दीं। मध्य भारत में बीजेपी ने कांग्रेस से 4 सीटें छीन लीं।
संभाग |
बीजेपी | कांग्रेस | अन्य |
बुंदेलखंड |
46(+8) |
10(-6) |
0 |
महाकौशल |
26(+12) |
17(-11) |
0 |
मालवा -निमाड़ |
47(+19) |
18(-17) |
1 |
ग्वालियर-चंबल |
18(+11) |
16(-10) |
0 |
मध्य भारत |
26(+4) |
05(-4) 0 |
0 |
पीएम मोदी की रैलियां बनी जीत की गारंटी
पीएम मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत के उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया। बीजेपी इस चुनाव में सभी क्षेत्रों में कांग्रेस से आगे रही। मध्य प्रदेश में पीएम मोदी ने एमपी के जिन 17 जिलों में रैलियां कीं उसमें विधानसभा की 85 सीटें हैं। जिन 85 सीटों पर पीएम मोदी की रैलियों का प्रभाव रहा, उनमें 2018 के चुनाव के बाद 46 सीटें ही बीजेपी के पास थीं। इस बार बीजेपी को यहां 70 सीटों पर जीत मिली हैं। यानी मोदी की रैलियों की वजह से बीजेपी को मध्य प्रदेश में 24 नई सीटों पर जीत मिली है।
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शाह की रैलियों वाली 36 सीटें बीजेपी जीती
पार्टी समर्थक जीत का जश्न मना रहे हैं। इस जीत का श्रेय अमित शाह की अचूक रणनीति को भी दिया जा रहा है। अमित शाह ने उन सीटों पर फोकस किया जो बीजेपी की जीत की गारंटी बन सकती थीं। अमित शाह ने सिर्फ मालवा निमाड़ नहीं बल्कि, ग्वालियर चंबल संभाग की 34 सीटों पर भी पूरा फोकस रखा। पार्टी की ओर से बीजेपी की सभी सीटों की तीन कैटेगरी निर्धारित की इनमें जीतने वाली, कम जीतने वाली और हारने वाली। इसमें उन सीटों पर विशेष काम किया गया जहां पिछली बार बीजेपी कम मार्जिन से हारी थी। इसके अलावा अमित शाह ने 11 जिलों में रैलियां भी की। इन रैलियों में शाह ने 58 जिलों का कवर किया इसमें बीजेपी 36 सीटें जीती हैं।
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प्रियंका गांधी ने 9 रैलियां की
कांग्रेस की ओर स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने 9 रैलियां कीं। कांग्रेस की स्टार प्रचारक ने 10 अक्तूबर को मंडला जिले में जन आक्रोश रैली के जरिए राज्य में चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। इसके बाद प्रियंका ने दमोह, धार, इंदौर, देवास, सतना, रीवा, दतिया और मंडला में चुनावी रैली को संबोधित किया था। अपने चुनाव अभियान के अंत में कांग्रेस नेता सीधी पहुंची थीं, जहां उन्होंने 15 नवंबर को जनसभा को संबोधित किया था। सबसे ज्यादा इंदौर जिले में कांग्रेस नेता ने दो रैलियां और एक रोड शो किया था। प्रियंका गांधी ने अपनी रैलियों में 49 सीटों के कवर किया इसमें कांग्रेस 16 सीटें ही जीत सकी।
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राहुल गांधी ने 11 रैलियां की
राहुल गांधी ने पार्टी के लिए कुल 10 जिलों में 11 चुनावी कार्यक्रम किए। कांग्रेस सांसद ने 10 अक्तूबर को शहडोल जिले में जन आक्रोश सभा के जरिए अभियान का बिगुल फूंका था। इसके बाद अशोकनगर, जबलपुर (जबलपुर पश्चिम और जबलपुर पूर्व सीट) सतना, बड़वानी (राजपुर), नीमच (जावद), हरदा (टिमरनी), भोपाल और विदिशा जिलों में चुनाव प्रचार किया। राहुल ने 14 नवंबर को टीकमगढ़ जिले के खरड़गपुर में चुनाव प्रचार को समाप्त किया था। राहुल गांधी ने प्रचार अभियान के दौरान रैलियों में 47 सीटों को कवर किया इसमें 14 सीटें बीजेपी ने जीती।
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इन्हीं आंकड़ों को जिलेवार देखें तो दोनों नेताओं ने अपने चुनावी कार्यक्रम में 19 जिले कवर किए जिनमें 91 विधानसभा सीटें पड़ती हैं। पिछले चुनाव में इनमें से कांग्रेस ने 41 सीटें, बीजेपी ने 44 सीटें और अन्य 6 सीटें जीती थीं।